पीएम मोदी के दौरे के बाद कनाडा ने माना खालिस्तानी खतरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कनाडा यात्रा के 24 घंटे के भीतर ही वहां की शीर्ष खुफिया एजेंसी ने खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर पहली बार आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक बयान दिया है। कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) ने स्वीकार किया है कि खालिस्तानी तत्व कनाडा की धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ हिंसा, धन जुटाने और आतंकी गतिविधियों की योजना के लिए कर रहे हैं। यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब भारत लंबे समय से इस विषय पर कनाडा से चिंता जताता आ रहा था।

पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर भारत-कनाडा संबंधों में भारी तनाव रहा। लेकिन अब मार्क कार्नी की नई सरकार के आने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार के संकेत मिलने लगे हैं। पीएम मोदी और कार्नी के बीच हुई बातचीत में उच्चायुक्तों की नियुक्ति, व्यापार वार्ता और रणनीतिक सहयोग पर सहमति बनी। खास बात यह रही कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे पर भी खुलकर चर्चा हुई।

कनाडा की पुलिस ने Project Pelican के तहत एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसका संबंध खालिस्तानी समर्थकों और ड्रग माफिया से था। यह नेटवर्क अमेरिका और कनाडा के बीच ट्रकिंग रूट से ऑपरेट करता था। इससे होने वाली कमाई का इस्तेमाल भारत विरोधी अभियानों में किया जा रहा था। भारत की वर्षों पुरानी चिंता को अब कनाडा ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर एक नया रुख अपनाया है, जो दोनों देशों के लिए साझेदारी का नया द्वार खोल सकता है।

 

 

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