ईरान ने सीरिया में अमेरिकी बेस पर बोला हमला

सीरिया के हसाका प्रांत में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर रविवार देर रात हमला हुआ है, जिसे क्षेत्रीय तनाव के मद्देनजर ईरान का पहला अलग-थलग प्रतिउत्तर माना जा रहा है। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह कार्रवाई अमेरिका द्वारा ईरान की परमाणु साइट्स पर बी-2 बॉम्बर से किए गए हमले के 36 घंटे बाद हुई है। हालांकि ईरान ने हमले की सीधी जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इसके पहले तेहरान ने चेताया था कि यदि अमेरिका जंग में प्रवेश करता है, तो वह मध्य पूर्व के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाएगा।

मैहर न्यूज एजेंसी ने स्थानीय सूत्रों के हवाले से बताया कि पश्चिमी हसाका में अमेरिकी बेस के मुख्य द्वार पर भारी बमबारी के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावानी ने कहा कि तेहरान “अनुपातिक जवाब” देगा और संकेत दिया कि तीन अलग-अलग ठिकानों पर हमले हो सकते हैं। उनका दावा है कि अमेरिका ने ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन किया है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ एक राजनीतिक हमला बताया।

विशेषज्ञों का मानना है कि सीरिया में ईरान की प्रभावी मौजूदगी और प्रॉक्सी नेटवर्क उसे रणनीतिक बढ़त देता है। जबकि अमेरिका का दावा है कि उसके हमले का उद्देश्य ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना था, तेहरान इसे अपने अस्तित्व पर हमला मान रहा है। मौजूदा घटनाक्रम ने पश्चिम एशिया में नई भू-राजनीतिक अनिश्चितता को जन्म दे दिया है।

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