पटौदी की विरासत पर सचिन की पहल से मिला नया सम्मान

भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज की ट्रॉफी का नाम जब ‘पटौदी ट्रॉफी’ से बदलकर ‘एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी’ किया गया, तो क्रिकेट जगत में हलचल मच गई। इसी बदलाव के दौरान सचिन तेंदुलकर ने जो पहल की, वह अब चर्चा का विषय बन गई है। मास्टर ब्लास्टर ने खुद खुलासा किया कि जैसे ही उन्हें नाम परिवर्तन की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत मंसूर अली खान पटौदी के परिवार से संपर्क साधा।

सचिन ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में बताया, “मुझे जैसे ही पता चला कि ट्रॉफी का नाम बदल रहा है, मेरा पहला फोन पटौदी परिवार के लिए था। टाइगर पटौदी ने भारतीय क्रिकेट को नई पहचान दी थी। उनकी विरासत को भूला नहीं जा सकता।” इस संवेदनशीलता और सम्मान के भाव ने बीसीसीआई और ईसीबी को भी प्रभावित किया। इसके परिणामस्वरूप अब विजेता कप्तान को ‘पटौदी मेडल फॉर एक्सीलेंस’ से सम्मानित किया जाएगा।

यह फैसला सचिन की पहल और आईसीसी चेयरमैन जय शाह व ईसीबी अधिकारियों से हुई चर्चाओं का नतीजा है। सचिन ने बताया कि उन्होंने पटौदी के योगदान को सम्मान देने का सुझाव साझा किया, जिसे गंभीरता से लिया गया। एंडरसन और तेंदुलकर क्रिकेट के दो स्तंभ हैं, लेकिन पटौदी मेडल इस ऐतिहासिक सीरीज में भारतीय क्रिकेट की गहराई और विरासत को बनाए रखने का प्रतीक बनकर उभरेगा।

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