फ्रैक्चर के बाद भी पिच पर डटे ऋषभ पंत

मैनचेस्टर टेस्ट के दूसरे दिन एक असाधारण नज़ारा देखने को मिला, जब टीम इंडिया के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत फ्रैक्चर के बावजूद बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरे। पहले दिन चोटिल हुए पंत के पैर में स्कैन के बाद फ्रैक्चर की पुष्टि हुई थी और माना जा रहा था कि वह करीब छह हफ्तों तक मैदान से दूर रहेंगे। इसके बावजूद, टीम की जरूरत और आत्मबल ने उन्हें मैदान में वापस खड़ा कर दिया।

BCCI ने सुबह एक अपडेट जारी कर बताया कि पंत जरूरत पड़ने पर बल्लेबाजी कर सकते हैं। और जैसे ही भारत ने लगातार दो विकेट गंवाए, पंत का मैदान में उतरना तय हो गया। सुरक्षा पट्टी और दर्द के बावजूद जब वह ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम की सीढ़ियों से नीचे उतरे, दर्शक स्तब्ध रह गए। पंत के जज़्बे और समर्पण को देखकर हर फैन खड़ा हो गया और तालियों की गड़गड़ाहट से स्टेडियम गूंज उठा।

पूर्व खिलाड़ियों और विशेषज्ञों ने भी पंत के साहस को सराहा। पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा, “ऋषभ पंत की यह वापसी सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि देश के लिए खेलने की भावना को दर्शाती है।” यह घटना न सिर्फ भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में बस गई, बल्कि युवाओं के लिए भी प्रेरणा बन गई है कि सच्चा खिलाड़ी कभी हार नहीं मानता, चाहे हालात जैसे भी हों।

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