UPI चार्ज लागू, अब बैलेंस चेक पर भी लगेगी सीमा

डिजिटल इंडिया की दिशा में क्रांतिकारी कदम माने जाने वाला UPI अब नई चुनौतियों से जूझ रहा है। हर महीने लगभग 16 बिलियन रुपये के ट्रांजैक्शन्स के चलते इसके सर्वरों पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है। इसी को देखते हुए सरकार और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कुछ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। अब ₹3000 से अधिक की UPI पेमेंट्स पर मार्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) पुनः लागू करने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही, इस दर को ट्रांजैक्शन वैल्यू के आधार पर तय करने की योजना भी बन रही है।

इसके अलावा, अब UPI ऐप्स जैसे फोनपे, गूगल पे और पेटीएम पर बैलेंस चेक की संख्या सीमित कर दी जाएगी। NPCI ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि 1 अगस्त से उपयोगकर्ता केवल 50 बार प्रतिदिन बैलेंस चेक कर सकेंगे। खबरों के मुताबिक, भविष्य में यह संख्या घटाकर 25 भी की जा सकती है। इसका उद्देश्य बैंक सर्वरों पर बढ़ते लोड को कम करना और तकनीकी समस्याओं से बचाव करना है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों में UPI सेवाओं में कई बार रुकावटें देखने को मिली हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि ये कदम सिस्टम की स्थिरता और विश्वसनीयता बनाए रखने में मदद करेंगे, हालांकि इससे आम उपयोगकर्ताओं को कुछ असुविधा जरूर हो सकती है। एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने बताया, “बढ़ते ट्रांजैक्शन्स से सिस्टम पर काफी दबाव है। यह सीमाएं आवश्यक और समय की मांग हैं।”

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