Titan की मालिक TIDCO, Tata से भी ज्यादा हिस्सेदारी

भारत की अग्रणी लाइफस्टाइल कंपनी Titan को लेकर आम धारणा यही रही है कि यह पूरी तरह Tata Group के स्वामित्व में है। लेकिन सच्चाई यह है कि Titan की सबसे बड़ी हिस्सेदार एक सरकारी कंपनी है—तमिलनाडु इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (TIDCO)। जहां Tata Group की हिस्सेदारी महज 25.02% है, वहीं TIDCO के पास Titan के 27.88% शेयर हैं, जिससे वह कंपनी की असली मालिक बनती है।

Titan की शुरुआत 1984 में Tata Enterprises और TIDCO के बीच एक संयुक्त उपक्रम के रूप में हुई थी। उस समय भारत में लाइसेंसराज का दौर था और घड़ियों के निर्माण के लिए जरूरी लाइसेंस केवल TIDCO के पास था। Tata को प्रबंधन का अनुभव और TIDCO को सरकारी अनुमति व पूंजी की उपलब्धता ने मिलकर इस ब्रांड को जन्म दिया। इसी सहयोग से होसूर (तमिलनाडु) में Titan का पहला प्लांट स्थापित हुआ, जो आज भी इसका मुख्य उत्पादन केंद्र है।

आज Titan का मार्केट कैप ₹3.20 लाख करोड़ है, जिससे TIDCO की हिस्सेदारी की अनुमानित कीमत ₹89,000 करोड़ तक पहुंच चुकी है। Titan ब्रांड के अंतर्गत अब Tanishq, Fastrack, Titan Eye+ और Skinn जैसे उत्पाद आते हैं। कंपनी की सार्वजनिक हिस्सेदारी 47.02% है जिसमें FPI, म्यूचुअल फंड्स और इंश्योरेंस कंपनियों की भागीदारी शामिल है। इस तरह Titan का स्वामित्व निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के अनूठे तालमेल का उदाहरण बन चुका है।

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