मिल्की मिस्‍ट IPO: 16 की उम्र में शुरू किया सफर, अब ₹2,035Cr का इश्यू

जब अधिकांश बच्चे स्कूल में भविष्य के सपने देख रहे होते हैं, तब तमिलनाडु के टी. सतीशकुमार ने महज 16 साल की उम्र में स्कूल छोड़कर पारिवारिक दूध व्यवसाय को डूबने से बचाने की जिम्मेदारी उठा ली थी। वर्ष 1994 में अपने परिवार की आर्थिक कठिनाइयों को देखते हुए उन्होंने दूध के बजाए पनीर जैसे अधिक टिकाऊ और लाभकारी उत्पादों की ओर रुख किया और ‘मिल्की मिस्ट’ की नींव रखी। उनकी रणनीति ने असर दिखाया, और कुछ वर्षों में कंपनी ने दही, घी, मक्खन और आइसक्रीम जैसे उत्पादों का उत्पादन शुरू कर दिया।

आज मिल्की मिस्ट देशभर में 15,000 से अधिक ब्रांडेड चिलर और 2000 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर के साथ एक मज़बूत नेटवर्क चला रही है। इसका 55 एकड़ में फैला अत्याधुनिक पेरुंदुरई प्लांट हर दिन 15 लाख लीटर दूध प्रोसेस करता है। यह दूध 67,000 किसानों से बिना किसी लिखित अनुबंध के प्राप्त किया जाता है, जो कंपनी की पशु चिकित्सा देखभाल और वित्तीय सहायता के दम पर वफादारी बनाए रखते हैं। हाल ही में कंपनी ने मिल्कलेन के साथ ₹400 करोड़ की डील कर 10,000 और किसानों को जोड़ा है।

अब यह कंपनी IPO के जरिए ₹2,035 करोड़ जुटाने की तैयारी में है। इसमें ₹1,785 करोड़ का फ्रेश इश्यू और ₹250 करोड़ प्रमोटर्स का ऑफर फॉर सेल शामिल है। इस पूंजी का उपयोग ₹750 करोड़ के कर्ज चुकाने, प्लांट विस्तार और कोल्ड-चेन सुधार में किया जाएगा। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का रेवेन्यू 29% बढ़कर ₹2,349.5 करोड़ पहुंच गया, जबकि लाभ 137% की छलांग लगाकर ₹46 करोड़ हो गया। हालांकि अमूल और नेस्ले जैसी कंपनियों से दक्षिण भारत में प्रतिस्पर्धा बनी हुई है, लेकिन पनीर सेगमेंट में मजबूत पकड़ Milky Mist की सफलता को रेखांकित करती है।

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