हाई सोडियम सेवन से हाइपरटेंसिव मरीजों को जानलेवा खतरा

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने लंबे समय से नमक की मात्रा को दिन में 5 ग्राम से कम रखने की सलाह दी है, लेकिन वैश्विक स्तर पर इसका सेवन दो से तीन गुना अधिक होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, हाई सोडियम का सेवन विशेषकर उन लोगों के लिए खतरनाक है जिनका रक्तचाप पहले से अधिक है। सीनियर डॉक्टर धीरज भट्टड ने बताया कि अत्यधिक नमक शरीर में रक्तचाप बढ़ाकर हृदय, गुर्दे और रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ाता है, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और गुर्दे की विफलता जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

हाई सोडियम की वजह से किडनी पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है, जिससे शरीर में पानी जमा हो जाता है और रक्तचाप और भी बढ़ जाता है। यह स्थिति धीरे-धीरे धमनीकाठिन्य (एथेरोस्क्लेरोसिस) को जन्म देती है, जिसमें रक्त वाहिकाएं सिकुड़कर कठोर हो जाती हैं। इससे दिल का दौरा, स्ट्रोक और अन्य गंभीर जटिलताएं होने का खतरा बढ़ जाता है। भारत में खासतौर पर परंपरागत खाने में अधिक नमक का उपयोग होता है, जिससे हाइपरटेंसिव रोगियों को और ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है।

डॉक्टर अरविंद बडिगेर ने बताया कि नमक कम करने के लिए घरेलू खाना बनाना, पैक किए हुए खाद्य पदार्थों से बचना और खाने के लेबल पढ़ना आवश्यक है। इसके अलावा, सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान और खाद्य उद्योग को भी मिलकर नमक की मात्रा कम करने के प्रयास करने चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि कम नमक का सेवन हृदय रोगों को कम कर सकता है और लाखों लोगों की जान बचा सकता है। इस प्रकार, हाई सोडियम नियंत्रण हाइपरटेंसिव रोगियों के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकता है।

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