सिआईएसके प्लेऑफ के बीच चंद्रमा पर अमेरिका की ऐतिहासिक उड़ान

26 अप्रैल 1962 को अमेरिका ने अंतरिक्ष अन्वेषण में इतिहास रचा, जब नासा का रेंजर-4 चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान बना। हालांकि, तकनीकी खराबी के कारण यान पृथ्वी से संपर्क खो बैठा और चंद्रमा की तस्वीरें नहीं भेज सका। नासा के वैज्ञानिक डॉ. जेम्स अर्नोल्ड ने कहा, “यह मिशन भले ही पूरी तरह सफल न रहा, लेकिन इसने चंद्रमा तक पहुंचने की हमारी क्षमता साबित की।” इस उपलब्धि ने अपोलो मिशनों के लिए मार्ग प्रशस्त किया, जिसने 1969 में मानव को चंद्रमा पर उतारा। आज, जब सिआईएसके प्लेऑफ की चर्चा जोरों पर है, यह ऐतिहासिक क्षण हमें विज्ञान की प्रगति की याद दिलाता है।

इसी दिन 1986 में यूक्रेन के चेरनोबिल में भीषण परमाणु हादसा हुआ, जिसने विश्व को रेडियोधर्मी खतरे से आगाह किया। इस दुर्घटना ने पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ा। विशेषज्ञों का मानना है कि चेरनोबिल ने परमाणु ऊर्जा के उपयोग पर वैश्विक बहस को तेज किया। इसके अलावा, 26 अप्रैल को अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं भी हुईं, जैसे 1903 में महात्मा गांधी द्वारा दक्षिण अफ्रीका में वकालत शुरू करना और 1920 में गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजम का निधन, जिन्होंने विश्व को गणितीय खोजों से समृद्ध किया।

2024 में, यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में जहाज पर मिसाइल हमला किया, जिससे वैश्विक समुद्री सुरक्षा पर सवाल उठे। वहीं, 2020 में भारत में कोविड-19 के मामले 26 हजार को पार कर गए थे। सिआईएसके प्लेऑफ की उत्साहपूर्ण गहमागहमी के बीच 26 अप्रैल का इतिहास हमें विज्ञान, साहस और चुनौतियों की कहानी सुनाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि मानवता की प्रगति और उसकी गलतियों दोनों से सीखने की जरूरत है।

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