रुपये में 23 पैसे की तेजी, भू-राजनीतिक तनाव प्रभावित

नई दिल्ली: गुरुवार (8 मई, 2025) को शुरुआती कारोबार में रुपये में 23 पैसे की तेजी देखी गई और यह 84.54 पर पहुंच गया। यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को 4.25-4.50% पर स्थिर रखने से स्थानीय मुद्रा को समर्थन मिला। फॉरेक्स व्यापारियों ने बताया, “विदेशी पूंजी का निरंतर प्रवाह और डॉलर की कमजोरी ने रुपये को मजबूती दी, लेकिन भारत-पाक सीमा पर बढ़ता तनाव निवेशकों का मनोबल प्रभावित कर रहा है।” बुधवार को भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई के बाद रुपये में 42 पैसे की गिरावट आई थी, जो 84.77 पर बंद हुआ।
इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये ने 84.61 पर शुरुआत की और 84.54 के उच्च स्तर तक पहुंचा। फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख अनिल कुमार भंसाली ने कहा, “सीमा पर रातभर कोई नई खबर न आने से रुपये में मामूली सुधार हुआ, लेकिन तनाव बना हुआ है।” भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओपन मार्केट ऑपरेशंस (ओएमओ) से उत्पन्न अधिशेष तरलता ने प्रीमियम में कमी और अस्थिरता सूचकांक में वृद्धि को बढ़ावा दिया है। इस बीच, डॉलर इंडेक्स 0.04% बढ़कर 99.65 पर रहा, जो वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत दर्शाता है।


घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 50 अंक गिरकर 80,696.78 और निफ्टी 31.30 अंक गिरकर 24,383.10 पर बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 2,585.86 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी, जो बाजार में स्थिरता का संकेत देता है। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.70% बढ़कर 61.65 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। विश्लेषकों का मानना है कि रुपये में तेजी बरकरार रहने की संभावना है, लेकिन भारत-पाक तनाव और यूएस-चीन व्यापार वार्ता की अनिश्चितता बाजार की दिशा तय करेगी। निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।

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