मृत्यु की कामना वाला अनोखा मंदिर: धर्मराज धाम

उज्जैन, मध्यप्रदेश: शिप्रा नदी के तट पर स्थित धर्मराज मंदिर आज भी एक रहस्यमयी परंपरा का साक्षी है, जहाँ श्रद्धालु जीवन नहीं, बल्कि मोक्ष के लिए मृत्यु की कामना करते हैं। इस मंदिर में चित्रगुप्त और धर्मराज की पूजा की जाती है, और मान्यता है कि यहाँ घी का दीपक जलाने से २४ घंटे के भीतर इच्छित व्यक्ति को इस संसार से मुक्ति मिलती है। यह परंपरा विशेषकर उन लोगों के लिए है जो दीर्घकालिक बीमारी या शारीरिक पीड़ा से जूझ रहे हैं।

पंडित राकेश जोशी, जो मंदिर के पुजारी हैं, बताते हैं, “यहाँ लोग पीड़ा से मुक्ति के लिए आते हैं, और मोक्ष प्राप्ति की भावना से पूजा करते हैं। इस पूजा का प्रभाव इतना तीव्र माना जाता है कि कई भक्तों ने २४ घंटे के भीतर परिणाम देखने की बात कही है।” उनका परिवार पिछले ४०० वर्षों से इस मंदिर में पूजा करता आ रहा है, और १७०२ ईस्वी के शिलालेख इस पवित्र स्थल की ऐतिहासिकता को प्रमाणित करते हैं।

कर्क रेखा के ठीक ऊपर स्थित यह मंदिर आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। दूर-दराज़ से आने वाले श्रद्धालु यहाँ न केवल मृत्यु की इच्छा लेकर, बल्कि मानसिक व शारीरिक शांति की तलाश में आते हैं। यहाँ प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में दीप जलाए जाते हैं, और माना जाता है कि धर्मराज तथा चित्रगुप्त की कृपा से इच्छित व्यक्ति को इस जन्म-जाल से मुक्ति मिलती है।

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