मिस वर्ल्ड विवाद: जब मंच बना वैश्विक संकट की वजह

हैदराबाद में 31 मई को हो रहे 72वें मिस वर्ल्ड ग्रैंड फिनाले से पहले ही प्रतियोगिता फिर एक बड़े विवाद की गिरफ्त में आ गई है। मिस इंग्लैंड मिला मैगी ने आयोजन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बीच में ही प्रतियोगिता छोड़ दी। उन्होंने कहा कि उन पर अधेड़ उम्र के लोगों से मेलजोल का दबाव डाला गया और शोषण जैसा व्यवहार किया गया। “मुझे इस मंच पर एक वेश्या जैसा महसूस कराया गया,” मिला का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद आयोजकों ने उनकी जगह रनर-अप शार्लोट ग्रांट को भेजा।

यह पहला मौका नहीं है जब मिस वर्ल्ड मंच विवादों में घिरा हो। 2002 में नाइजीरिया में आयोजित प्रतियोगिता के दौरान एक अखबार की पैगम्बर मोहम्मद साहब को लेकर की गई टिप्पणी से भयंकर दंगे भड़क उठे थे, जिसमें 200 से ज्यादा लोगों की जान गई। इसी तरह 1970 में ब्रिटेन में हो रहे इवेंट में महिला कार्यकर्ताओं ने आयोजकों पर आटे के बम और सड़े फल फेंक कर प्रदर्शन किया था, यह कहते हुए कि प्रतियोगिता महिलाओं को ‘ऑब्जेक्ट’ के रूप में दिखाती है।

इतिहास में कई बार प्रतियोगिता का ताज भी विवादों के कारण छिन गया। 1973 में अमेरिका की मार्जरी वैलेस से किसिंग स्कैंडल के बाद ताज ले लिया गया, जबकि 1974 में शादीशुदा होने की वजह से इंग्लैंड की हेलेन मॉर्गन का खिताब वापस ले लिया गया। यह घटनाएं बताती हैं कि मिस वर्ल्ड सिर्फ सौंदर्य प्रतियोगिता नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक मुद्दों का भी प्रतिबिंब बन चुकी है।

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