मई पंचक 2025: इन 5 दिनों में भूलकर भी न करें ये काम

ज्योतिष शास्त्र में मई पंचक को अशुभ समय माना जाता है, जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्रों में विचरण करता है। इस बार मई पंचक 20 मई 2025 को सुबह 7:35 बजे शुरू होगा और 24 मई को दोपहर 1:53 बजे समाप्त होगा। मंगलवार से शुरू होने वाला यह पंचक ‘अग्नि पंचक’ कहलाता है, जिसमें आग से संबंधित कार्य, जैसे रसोई उपकरणों का उपयोग या निर्माण कार्य, अशुभ माने जाते हैं। “अग्नि पंचक में सावधानी अत्यंत जरूरी है, क्योंकि अग्नि दुर्घटना का जोखिम रहता है,” ज्योतिषी पंडित राकेश मिश्रा बताते हैं।

इस पांच दिवसीय अवधि में शादी, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन, नया वाहन या सोना-चांदी खरीदना, लकड़ी का सामान खरीदना, घर की छत ढालना और वित्तीय लेनदेन से बचना चाहिए। दक्षिण दिशा की यात्रा भी निषिद्ध है, क्योंकि यह यमराज से जुड़ी मानी जाती है। यदि यात्रा अनिवार्य हो, तो हनुमान मंदिर में पूजा कर और बजरंगबली को पांच फल चढ़ाकर यात्रा शुरू करें। यह उपाय पंचक के अशुभ प्रभाव को कम करता है। पंडित मिश्रा सलाह देते हैं, “पंचक में आध्यात्मिक कार्य, जैसे दान या ध्यान, शुभ फल देते हैं।”

पंचक की मान्यताएं वैदिक ज्योतिष पर आधारित हैं, जो जीवन में सही समय के महत्व को रेखांकित करती हैं। यदि कोई पंचक में मृत्यु होती है, तो गेहूं के आटे से बनी पांच पुतलियां शव के साथ जलाने से पंचक दोष कम होता है। यह अवधि भले ही अशुभ मानी जाए, लेकिन सही उपायों और सतर्कता से इसके नकारात्मक प्रभावों को टाला जा सकता है। मई पंचक में सावधानी बरतकर अपने कार्यों को सुरक्षित और शुभ बनाएं।

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