पुराना कर शासन: कब है यह अधिक लाभकारी?

कोलकाता: वित्तीय वर्ष 2025 के समाप्त होने के एक महीने बाद, आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने का समय नजदीक है। करदाता पुराना कर शासन या नई व्यवस्था में से किसी एक को चुन सकते हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष रवि अग्रवाल के अनुसार, 75% करदाता नई व्यवस्था अपना चुके हैं, और जल्द ही यह आंकड़ा 95% तक पहुंच सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ शर्तों के तहत पुराना कर शासन अधिक लाभकारी हो सकता है, खासकर बड़े HRA और होम लोन ब्याज वाले करदाताओं के लिए।
पुराना कर शासन तब फायदेमंद है जब करदाता को उच्च HRA मिलता है, क्योंकि नई व्यवस्था में HRA पर कोई छूट नहीं है। आयकर अधिनियम की धारा 10(13A) के तहत, पुराने शासन में HRA को वेतन से बाहर रखा जाता है। इसके अलावा, धारा 24(b) स्व-निवास संपत्ति पर 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर छूट देती है, जबकि धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक के मूलधन भुगतान पर कर लाभ मिलता है। आयकर बार एसोसिएशन, कोलकाता के सचिव हिमाद्री मुखोपाध्याय कहते हैं, “बड़े HRA और होम लोन ब्याज वाले करदाता पुराने शासन में अधिक कर बचा सकते हैं।”
डेलॉइट की हालिया गणना के अनुसार, 24 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले करदाताओं के लिए पुराना कर शासन तभी लाभकारी है, जब वे 8 लाख रुपये से अधिक की छूट का दावा कर सकें। धारा 80C में PPF, NSC, और सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाएं शामिल हैं, जबकि धारा 80D स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर छूट देती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि करदाता दोनों व्यवस्थाओं की तुलना कर सही विकल्प चुनें।

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