नेचुरल्स आइसक्रीम: 300 करोड़ की सफलता की कहानी

मुंबई के जुहू में 1984 में शुरू हुआ एक छोटा सा आइसक्रीम पार्लर आज 300 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार बन चुका है। नेचुरल्स आइसक्रीम के संस्थापक रघुनंदन श्रीनिवास कामथ ने फल बेचने वाले पिता के अनुभव को आधार बनाकर यह साम्राज्य खड़ा किया। कर्नाटक के एक साधारण परिवार से आए कामथ ने 14 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ दी और अपने भाई के होटल में काम शुरू किया। वहीं से उन्हें फलों के प्राकृतिक स्वाद से आइसक्रीम बनाने का विचार आया। कामथ ने एक साक्षात्कार में कहा, “मैंने जुहू को इसलिए चुना क्योंकि वहाँ अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी जैसे सितारों के घर थे, जो ग्राहकों को आकर्षित करते।”

केवल 3.5 लाख रुपये और 6 कर्मचारियों के साथ शुरू हुआ नेचुरल्स आइसक्रीम पार्लर अपनी गुणवत्ता के लिए मशहूर हुआ। शुरुआत में 12 फ्लेवर वाली आइसक्रीम, जो दूध, चीनी और फलों से बनती थी, ने ग्राहकों का दिल जीता। पाव भाजी के साथ आइसक्रीम बेचने की उनकी अनूठी रणनीति ने भीड़ खींची। 1994 तक पाँच और आउटलेट खुल गए, और आज देश के 15 शहरों में 165 से अधिक आउटलेट हैं। वित्त वर्ष 2020 में कंपनी का कारोबार 300 करोड़ रुपये को पार कर गया।

हालाँकि रघुनंदन का 2024 में 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया, उनकी विरासत नेचुरल्स आइसक्रीम के रूप में जीवित है। ‘आइसक्रीम मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से मशहूर कामथ की कहानी मेहनत और नवाचार की मिसाल है। सोशल मीडिया पर प्रशंसक लिखते हैं, “उनका स्वाद हमें हमेशा याद रहेगा।” यह कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो सपनों को हकीकत में बदलना चाहता है।

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