गिग वर्कर्स को पेंशन: सरकार की नई सामाजिक सुरक्षा योजना

भारत सरकार गिग वर्कर्स और छोटे व्यापारियों के लिए एक क्रांतिकारी सामाजिक सुरक्षा योजना तैयार कर रही है, जिसके तहत उन्हें पेंशन और स्वास्थ्य लाभ मिलेंगे। स्विगी, जोमैटो और ब्लिंकिट जैसे ई-कॉमर्स एग्रीगेटर्स को अपने कर्मचारियों की आय का 2% कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में जमा करना होगा। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक भारत में 235 मिलियन गिग वर्कर्स होंगे, और यह योजना उनकी आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करेगी।

इस सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत गिग वर्कर्स को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा, जिसके बाद उन्हें विशिष्ट पहचान पत्र और यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) मिलेगा। श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “यह योजना गिग वर्कर्स की नियमित आय पर असर डाले बिना उनके भविष्य को सुरक्षित करेगी।” अगले दो-तीन सप्ताह में सरकार प्रमुख हितधारकों के साथ अंतिम चर्चा के बाद इसकी घोषणा कर सकती है। योजना में आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ भी शामिल होगा।


यह कदम गिग अर्थव्यवस्था की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सामाजिक सुरक्षा योजना न केवल श्रमिकों के कल्याण को बढ़ावा देगी, बल्कि ई-कॉमर्स क्षेत्र में औपचारिकता और जवाबदेही को भी प्रोत्साहित करेगी। हालांकि, योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए पारदर्शी निगरानी और पर्याप्त बजट आवंटन जरूरी होगा। यह पहल भारत के उभरते श्रमिक वर्ग के लिए एक सुरक्षित भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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