क्या माइग्रेन से पीड़ित लोगों को एसी में बैठना चाहिए? विशेषज्ञों ने बताई सच्चाई

नई दिल्ली, 4 अप्रैल 2025: गर्मी का मौसम अपने चरम पर है। चिलचिलाती धूप से राहत पाने के लिए लोग घरों, दफ्तरों और गाड़ियों में एयर कंडीशनर (एसी) का सहारा ले रहे हैं। ठंडी हवा जहां एक ओर सुकून देती है, वहीं माइग्रेन से जूझ रहे लोगों के लिए यह सवाल परेशानी का सबब बन गया है- क्या एसी में बैठना या सोना उनके लिए सुरक्षित है? माइग्रेन, जो एक गंभीर और बार-बार होने वाला सिरदर्द है, कई बार ठंडी हवा या तापमान में बदलाव से और उग्र हो जाता है। ऐसे में विशेषज्ञों की राय और सावधानियों को समझना जरूरी हो जाता है।
माइग्रेन और एसी: क्या है संबंध?
माइग्रेन कोई साधारण सिरदर्द नहीं है। यह अचानक शुरू होता है और कई बार घंटों तक परेशान करता है। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रीति गुप्ता बताती हैं, “माइग्रेन के पीछे कई ट्रिगर होते हैं- तेज रोशनी, शोर, तनाव, नींद की कमी, और मौसम में अचानक बदलाव। ठंडी हवा भी इन्हीं में से एक हो सकती है।” उनका कहना है कि जब एसी की ठंडी हवा सीधे सिर या चेहरे पर पड़ती है, तो सिर की नसें सिकुड़ सकती हैं, जिससे दर्द बढ़ने की आशंका रहती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, एसी से निकलने वाली सूखी और ठंडी हवा शरीर में नमी की कमी पैदा करती है। इससे डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ता है, जो माइग्रेन को और भड़का सकता है। इसके अलावा, गर्मी से ठंडे कमरे में जाना या बार-बार तापमान बदलना भी शरीर के लिए झटके की तरह काम करता है। डॉ. गुप्ता कहती हैं, “ऐसे में माइग्रेन के मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत है।”
सावधानी बरतें, खतरा टल सकता है
क्या इसका मतलब यह है कि माइग्रेन से पीड़ित लोगों को एसी से पूरी तरह परहेज करना चाहिए? विशेषज्ञों का जवाब है- नहीं, लेकिन सावधानी जरूरी है। दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संजय मेहता सलाह देते हैं, “एसी का तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रखें। बहुत ठंडा कमरा माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है।” वे आगे कहते हैं, “हवा का रुख सिर या चेहरे की ओर नहीं होना चाहिए। इसके लिए एसी के पंखों को ऊपर की ओर रखें या पर्दे का इस्तेमाल करें।”
पानी की कमी से बचने के लिए डॉ. मेहता एक और जरूरी सुझाव देते हैं। उनका कहना है, “एसी में बैठते वक्त हर घंटे पानी पीते रहें। डिहाइड्रेशन माइग्रेन का एक बड़ा कारण है, और ठंडी हवा इसे बढ़ा देती है।” साथ ही, वे मरीजों को सलाह देते हैं कि अगर ऑफिस में एसी में लंबे समय तक रहना पड़ता है, तो बीच-बीच में बाहर निकलकर हल्की धूप और ताजी हवा लें।
मरीजों का अनुभव
माइग्रेन से पीड़ित 32 साल की शालिनी वर्मा बताती हैं, “मुझे शुरू में नहीं पता था कि एसी मेरे सिरदर्द को बढ़ा रहा है। लेकिन जब से मैंने तापमान को नियंत्रित करना और सीधी हवा से बचना शुरू किया, तब से राहत मिली है।” शालिनी जैसे कई मरीजों के लिए यह समझना मुश्किल होता है कि उनकी परेशानी का कारण क्या है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि अगर एसी में बैठने के बाद बार-बार सिरदर्द हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
संतुलन है जरूरी
कुल मिलाकर, माइग्रेन के मरीजों के लिए एसी पूरी तरह वर्जित नहीं है, लेकिन इसका इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए। डॉ. गुप्ता कहती हैं, “हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है। कुछ मरीजों को ठंडी हवा से दिक्कत नहीं होती, लेकिन ज्यादातर के लिए यह ट्रिगर बन सकती है। अपने शरीर के संकेतों को समझें।” वे सुझाव देती हैं कि गर्मियों में राहत के लिए पंखे और कूलर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो एसी जितनी ठंडक तो नहीं देते, लेकिन माइग्रेन के खतरे को कम कर सकते हैं।
निष्कर्ष
गर्मी से बचने के लिए एसी एक जरूरत बन गया है, लेकिन माइग्रेन से पीड़ित लोगों को इससे दोस्ती सावधानी के साथ करनी चाहिए। तापमान को संतुलित रखें, पानी पीते रहें, और ठंडी हवा से सीधा संपर्क टालें। अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए, तो गर्मी में राहत भी मिलेगी और माइग्रेन का जोखिम भी कम होगा। विशेषज्ञों की मानें, तो सही जानकारी और थोड़ी समझदारी आपके स्वास्थ्य को बचा सकती है।

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