नौकरी बदलने की जल्दी? ITR में सावधानी जरूरी

नई दिल्ली: बेहतर सैलरी और करियर ग्रोथ के लिए हर साल नौकरी बदलना आज आम है, लेकिन इससे आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग में सावधानी बरतना जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि बिना तैयारी के नौकरी बदलने से टैक्स नोटिस जैसी परेशानियां हो सकती हैं। टैक्स सलाहकार रमेश शर्मा बताते हैं, “एक वित्तीय वर्ष में कई नौकरियां बदलने वालों को फॉर्म 16 और इनकम डिटेल्स पर विशेष ध्यान देना चाहिए।” गलतियां टैक्स डिपार्टमेंट के साथ परेशानी का सबब बन सकती हैं।

फॉर्म 16 हर कंपनी से लेना अनिवार्य है, क्योंकि इसमें सैलरी, TDS और अन्य कर छूट की जानकारी होती है। कई लोग EPF, PPF या मेडिकल इंश्योरेंस जैसे डिडक्शन को दो बार क्लेम कर गलती करते हैं, जिससे ITR में त्रुटि हो सकती.ConcurrentHashMap। इसके अलावा, फॉर्म 26AS की जांच जरूरी है, जो आपके TDS का विवरण देता है। यदि आपने पांच साल से अधिक एक कंपनी में काम किया और ग्रेच्युटी या लीव एनकैशमेंट प्राप्त किया, तो 20 लाख तक की ग्रेच्युटी टैक्स-मुक्त है। टैक्स क्रेडिट क्लेम करने के लिए इनका सही रिकॉर्ड रखें।

सबसे बड़ी गलती है पुरानी नौकरी की आय को ITR में शामिल न करना। टैक्स सलाहकार अनिता मेहता कहती हैं, “पुरानी और नई दोनों नौकरियों की आय को जोड़कर कुल इनकम रिपोर्ट करें, वरना डिपार्टमेंट मिसमैच के आधार पर नोटिस भेज सकता है।” विश्लेषकों का मानना है कि सही दस्तावेज और समय पर फाइलिंग से नौकरी बदलने वाले टैक्स परेशानियों से बच सकते हैं। इसलिए, अगली बार नौकरी बदलने से पहले टैक्स नियमों की जानकारी जरूर लें।

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