न्यू टैक्स बिल 2025: 60 साल पुराने कानून में बड़ा बदलाव

लोकसभा में 11 अगस्त 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 पेश किया, जो महज चार मिनट में पास हो गया। यह बिल, छह दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 को रिप्लेस करेगा, जिसकी जटिल भाषा और पुराने प्रावधान आम करदाताओं के लिए लंबे समय से मुश्किलें पैदा कर रहे थे। अब यह बिल राज्यसभा में पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून का रूप लेगा।

नए बिल को प्रवर समिति ने चार महीने की समीक्षा के बाद तैयार किया, जिसमें 285 सुझाव और 4,500 पन्नों की रिपोर्ट शामिल रही। संशोधित रूप में केंद्र सरकार ने 535 सेक्शन और 16 शेड्यूल के साथ यह बिल रखा। मुख्य बदलावों में कानून की भाषा को सरल बनाना, विवाद कम करना और टैक्स प्रक्रिया को पारदर्शी करना शामिल है। साथ ही, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) को डिजिटल अर्थव्यवस्था के अनुरूप नियम बनाने के अधिक अधिकार दिए गए हैं।

सबसे अहम बदलावों में पुराने “प्रीवियस ईयर” और “एसेसमेंट ईयर” की जगह ‘टैक्स ईयर’ शब्द का इस्तेमाल है। यह न केवल स्पष्टता बढ़ाएगा बल्कि करदाताओं और कर अधिकारियों के बीच विवाद की संभावना भी घटाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत के टैक्स ढांचे को भविष्य के लिए अधिक सक्षम और सरल बनाएगा, जिससे निवेशकों और आम नागरिक दोनों को लाभ होगा।

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