ड्रीमलाइनर क्रैश: ब्लैक बॉक्स खोलेगा 52 सेकेंड का रहस्य

नई दिल्ली से विशेष संवाददाता: ड्रीमलाइनर विमान हादसे के 24 घंटे बाद भी दुनिया एक ही सवाल से जूझ रही है—ग़लती कहां हुई? जवाब छिपा है उस अंतिम 52 सेकेंड में, जब विमान का एटीसी से संपर्क टूट गया और वह 625 फीट की ऊंचाई से नीचे गिर पड़ा। राहत की बात है कि ब्लैक बॉक्स मिल चुका है। यही अब जांच एजेंसियों की उम्मीद की सबसे बड़ी किरण है।

ब्लैक बॉक्स के दो प्रमुख हिस्से—कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर—इस हादसे की जड़ तक पहुंचने में मदद करेंगे। वॉयस रिकॉर्डर पायलट और को-पायलट के बीच अंतिम संवाद को दर्ज करता है, जबकि डेटा रिकॉर्डर से विमान की तकनीकी स्थिति की पुष्टि होगी, जैसे कि इंजन पावर, हाइड्रॉलिक सिस्टम, और विंग फ्लैप सेटिंग्स। क्रैश से ऐन पहले ‘मेडे’ कॉल के जरिए पायलट ने इमरजेंसी की चेतावनी दी थी। सवाल ये है कि टेकऑफ के बाद भी लैंडिंग गियर नीचे क्यों था और विंग फ्लैप ऊपर क्यों?

इस जाँच में अब अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भी शामिल हो गए हैं—अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड और ब्रिटेन की एवीएशन इन्वेस्टिगेशन टीम भारत पहुँच चुकी हैं। जांच अधिकारी अब उन तकनीकी कर्मियों से भी पूछताछ करेंगे, जिन्होंने प्री-फ्लाइट निरीक्षण किया था। ब्लैक बॉक्स की 52 सेकेंड की रिकॉर्डिंग ही उजागर करेगी कि पायलटों ने क्रैश से पहले क्या महसूस किया और आखिरी प्रयासों में उन्होंने क्या कदम उठाए।

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