रूसी तेल पर ट्रंप की धमकी, भारत की रफ्तार बरकरार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए कुछ भारतीय उत्पादों पर 50% तक टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि 28 अगस्त से भारत से आने वाले कई सामानों पर 25% अतिरिक्त टैक्स लागू होगा। साल 2024 में अमेरिका ने भारत से लगभग 87 अरब डॉलर का आयात किया था, ऐसे में यह कदम व्यापारिक संबंधों में तनाव का संकेत देता है।

हालांकि, रॉयटर्स और अन्य अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि यह धमकी भारत की ऊर्जा आपूर्ति या आर्थिक वृद्धि पर कोई गंभीर असर नहीं डालेगी। बाजार का रुझान भी यही दिखाता है—ब्रेंट क्रूड की कीमतें घटकर 65.81 डॉलर प्रति बैरल तक आ गईं, जो बीते दो महीनों का न्यूनतम स्तर है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जरूरत पड़ने पर आसानी से वैकल्पिक आपूर्ति स्रोत ढूंढ सकता है।

विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की रणनीति रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत से पहले दबाव बनाने की कोशिश है, जिसमें भारत को मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। चीन और भारत दोनों रूस के बड़े तेल खरीदार हैं, और अमेरिका सीधे चीन पर दबाव नहीं बना सकता। ऐसे में, ऊर्जा की जरूरतों और मौजूदा बाजार हालात को देखते हुए, भारत के लिए रूसी तेल एक भरोसेमंद विकल्प बना रहेगा।

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