रूस में नई जासूसी ऐप से निजता पर खतरा

मॉस्को: रूस की पुतिन सरकार द्वारा शुरू किए गए एक नए सरकारी ऐप ‘Max’ को लेकर देशभर में भारी विवाद छिड़ गया है। यह ऐप सभी नए मोबाइल डिवाइसों में पहले से इंस्टॉल किया जाएगा और इसके जरिए सरकार नागरिकों की डिजिटल गतिविधियों पर निगरानी रख सकेगी। सरकार का दावा है कि यह ऐप नागरिकों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं की जानकारी देने के लिए है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इससे लोगों की व्यक्तिगत जानकारी पूरी तरह सरकारी नियंत्रण में चली जाएगी।

सूत्रों के अनुसार, ‘Max’ ऐप की मदद से यूजर्स की कॉल, संदेश और ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी की जा सकेगी। जबकि सरकार इसे पारदर्शिता और जनसंपर्क का माध्यम बता रही है, वहीं डिजिटल अधिकारों के पैरोकार इसे निजता के घोर उल्लंघन के रूप में देख रहे हैं। रूस में पहले से ही लगभग 70% लोग व्हाट्सऐप का उपयोग करते हैं, लेकिन अब सरकार उसे भी प्रतिबंधित करने पर विचार कर रही है।

तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अगर लागू होता है, तो यह न केवल रूस में बल्कि विश्व स्तर पर डिजिटल स्वतंत्रता की दिशा में एक खतरनाक मिसाल बन सकता है। यदि अन्य देश भी इस मॉडल को अपनाते हैं, तो आम नागरिकों की निजी ज़िंदगी पर सरकारी निगरानी सामान्य हो जाएगी। फिलहाल इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन बहस ने वैश्विक स्तर पर निजता बनाम सुरक्षा की बहस को फिर से तेज कर दिया है।

ताज़ा खबर

भारत-रूस साझेदारी को नई मजबूती देगा जयशंकर का मास्को दौरा

कपिल शर्मा: सलमान के सामने क्यों थम गई जुबान

सरकार देगी नई नौकरी पर 15 हजार का बोनस

खेसारी लाल यादव ने साधा निशाना: “पाप धोने की मशीन नहीं हैं प्रेमानंद जी”