CIA रिपोर्ट से उठे सवाल, क्या रूसी जांच थी पूर्वग्रहित?

2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की जांच को लेकर जारी किए गए CIA के डिक्लासिफाइड मेमो ने एक बार फिर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह रिपोर्ट, जो पूर्व CIA डायरेक्टर और ट्रंप समर्थक जॉन रैटक्लिफ के आदेश पर तैयार की गई थी, 2017 की उस मूल खुफिया रिपोर्ट की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाती है, जिसमें रूस को डोनाल्ड ट्रंप को फायदा पहुंचाने का दोषी ठहराया गया था।

8 पृष्ठों की इस नई मेमो रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 की जांच में जल्दबाजी की गई और डेमोक्रेट समर्थित स्टील डॉसियर जैसी अप्रमाणित सूचनाओं को ठोस सबूत की तरह पेश किया गया। रिपोर्ट का दावा है कि जांच की दिशा और निष्कर्ष उस समय के ‘राजनीतिक माहौल’ से प्रभावित थे। हालांकि, इसमें पूर्व रिपोर्ट के सभी निष्कर्षों को गलत नहीं ठहराया गया है, लेकिन उनकी निष्पक्षता पर संदेह जरूर जताया गया है।

रूस मामलों के विशेषज्ञ ब्रायन टेलर का कहना है, “यह रिपोर्ट किसी नए तथ्य को उजागर नहीं करती, बल्कि एक पुराने विवाद को फिर हवा देती है।” विश्लेषकों का मानना है कि इस रिपोर्ट के पीछे ट्रंप की उस रणनीति को मजबूती देना है, जिसमें वह रूसी जांच को डेमोक्रेटिक साजिश बताते रहे हैं। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस ‘रूसी जांच’ को लेकर उठे ताजा सवाल आगामी चुनावी राजनीति को किस तरह प्रभावित करते हैं।

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