मोदी का साइप्रस दौरा: तुर्की पर कूटनीतिक दबाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने तीन देशों के दौरे की शुरुआत साइप्रस से की, जिसे कूटनीतिक नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। तुर्की द्वारा पाकिस्तान को ड्रोन और हथियार मुहैया कराने के बाद, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने इस कदम को आतंकवाद के समर्थन के रूप में देखा। अब भारत ने उसी तुर्की पर दबाव बनाने के लिए उस देश के कट्टर विरोधी साइप्रस से रिश्ते और प्रगाढ़ करने की रणनीति अपनाई है।

साइप्रस में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडोलाइड्स से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया और यूरोप में हालिया घटनाक्रमों पर चिंता जताई। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के बफर ज़ोन ‘ग्रीनलाइन’ का दौरा भी किया और उस क्षेत्र की तस्वीरें साझा कीं, जो तुर्की के कब्ज़े में है। इससे भारत ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि वह साइप्रस की अखंडता और संप्रभुता का पूर्ण समर्थन करता है, जबकि तुर्की का पाकिस्तान के साथ गठजोड़ भारत को अस्वीकार्य है।

इस ऐतिहासिक दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द मकारियोस थ्री’ से नवाज़ा गया। यह सम्मान भारत-साइप्रस के बीच विश्वास और साझेदारी का प्रतीक माना जा रहा है। दौरे के अगले चरण में प्रधानमंत्री अब कनाडा की ओर रवाना हो चुके हैं, जहां वह G7 सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

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