इज़रायल पर ईरानी मिसाइलों की बारिश, युद्ध की घोषणा

तेहरान और तेल अवीव के बीच तनाव ने अब पूर्ण युद्ध का रूप ले लिया है। इज़रायल की हालिया सैन्य कार्रवाई में एक प्रमुख परमाणु केंद्र के विनाश और एक शीर्ष सैन्य कमांडर की मौत के बाद, ईरान ने “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3” के तहत प्रतिशोध की शुरुआत कर दी। शुक्रवार की नमाज़ के बाद कोम शहर की जामकरान मस्जिद पर लाल झंडा लहराना ही युद्ध की औपचारिक घोषणा थी। इसके कुछ ही घंटों बाद, ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने तेल अवीव सहित कई इज़रायली शहरों पर बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन से हमला कर दिया।

तेल अवीव, रिशोन लेजियन और रामात गन क्षेत्रों में एक के बाद एक विस्फोटों से अफरातफरी मच गई। इज़रायल की वायु रक्षा प्रणाली ‘आयरन डोम’ सक्रिय हुई, लेकिन करीब 200 मिसाइलों की बौछार में कई मिसाइलें निशाने पर लग गईं। बताया जा रहा है कि इज़रायल की “किरया” सैन्य कमांड—जिसे देश का ‘पेंटागन’ कहा जाता है—को भी निशाना बनाया गया। तीन नागरिकों की मौत और पचास से अधिक लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है, जबकि नौ इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं।

ईरान ने दावा किया है कि उसने इज़रायल के तीन F-35 लड़ाकू विमानों को मार गिराया है, जबकि इज़रायल का कहना है कि उन्होंने भी ईरान पर जवाबी हमले में 60 से अधिक नागरिकों को मार गिराया है, जिनमें 20 बच्चे और 9 परमाणु वैज्ञानिक शामिल हैं। दोनों देशों में युद्धविराम के कोई संकेत नहीं हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर अमेरिका और पोप लियो XIV, ने शांति की अपील की है, लेकिन हॉर्मुज़ जलडमरूमध्य बंद होने की अटकलों ने वैश्विक चिंता को और बढ़ा दिया है।

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