तुर्किए की चाल नाकाम, ईरान ने काटा जंगेज़ूर कॉरिडोर

ईरान ने तुर्किए और अजरबैजान की उस विवादित योजना पर निर्णायक विराम लगा दिया है, जिसे ‘जंगेज़ूर कॉरिडोर’ कहा जा रहा था। ईरानी सर्वोच्च नेता के सलाहकार अली अकबर वेलायती के मुताबिक यह योजना एक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट की आड़ में भू-राजनीतिक चाल थी, जिसका मकसद ईरान को रणनीतिक रूप से अलग-थलग करना था। साथ ही, यह रूस के दक्षिणी मोर्चे पर दबाव बनाने की पश्चिमी रणनीति का भी हिस्सा थी।

तेहरान ने इस खतरे को समय रहते भांप लिया और कूटनीतिक स्तर पर इसे रोकने के लिए सक्रिय प्रयास किए। वेलायती का कहना है कि अमेरिका समेत कई पश्चिमी शक्तियों को इस योजना की जानकारी थी, लेकिन ईरान ने बिना टकराव के इसे निष्क्रिय कर दिया। यह वही कॉरिडोर है जो अज़रबैजान को नखचिवान होते हुए तुर्किए से जोड़ता, लेकिन ईरान और अर्मेनिया की साझा आपत्तियों ने इसे रोक दिया।

इस योजना की विफलता तुर्किए के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है, जो इसे अपने ‘पैन-तुर्किक’ सपने की रीढ़ मान रहा था। इसके उलट, ईरान ने अर्मेनिया के साथ ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। दोनों देशों के बीच हाई-वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन निर्माण का 80% कार्य पूरा हो चुका है, जिससे उनके बीच ऊर्जा व्यापार में तीन गुना वृद्धि की उम्मीद है।

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