कैप्टागन का कहर: सऊदी में 144 को मिली मौत की सजा

रियाद: सऊदी अरब में ‘कैप्टागन’ नामक नशीली गोली एक गंभीर सामाजिक संकट बन चुकी है। 2025 में अब तक 144 लोगों को इसी ड्रग से जुड़े मामलों में मौत की सजा दी जा चुकी है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष कुल 217 फांसी दी गई हैं, जिनमें दो-तिहाई नशीली दवाओं से संबंधित हैं। इस ड्रग की वजह से सऊदी अरब की न्याय प्रणाली की सख्ती और मानवाधिकार संगठनों की आलोचनाएं, दोनों साथ-साथ बढ़ती जा रही हैं।

कैप्टागन को ‘गरीबों का कोकीन’ भी कहा जाता है और ये अमीर युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हो गया है। खासकर सऊदी के युवाओं में इसका चलन तेजी से बढ़ा है। जून 2025 में ड्रग से जुड़े मामलों में फांसी पाने वाले 37 लोगों में 34 विदेशी थे, जो मिस्र, पाकिस्तान, इथियोपिया और सीरिया जैसे देशों से आए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि इन प्रवासियों को अक्सर तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जाता है, और पकड़े जाने पर उन्हें मौत की सजा भुगतनी पड़ती है।

सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कैप्टागन को सामाजिक विनाश का वाहक बताया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं के बावजूद स्पष्ट किया है कि कड़ा एक्शन जारी रहेगा। वहीं, सीरिया में बशर अल असद सरकार के पतन और फैक्ट्रियों के बंद होने के दावों के बावजूद, कैप्टागन की आपूर्ति थमी नहीं है। विशेषज्ञ इसे मध्यपूर्व की स्थिरता के लिए एक नया खतरा मान रहे हैं।

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