अमेरिका के लिए भारतीय क्यों जरूरी हैं?

वॉशिंगटन डीसी: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में तनाव पैदा हो गया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका के लिए भारतीय समुदाय की उपयोगिता केवल व्यापार तक सीमित नहीं है। अमेरिका में 49 लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जिनमें से 80% उच्च शिक्षित हैं। वे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को शिक्षा, स्वास्थ्य, आईटी, स्टार्टअप और राजनीति जैसे अनेक क्षेत्रों में मजबूती प्रदान कर रहे हैं।

सिलिकॉन वैली में टेक्नोलॉजी इनोवेशन का केंद्र भारतीय प्रोफेशनल्स के बिना अधूरा है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एडोबी जैसी कंपनियों के शीर्ष पदों पर भारतीय मूल के सीईओ हैं। इसके अलावा, अमेरिका की हेल्थकेयर व्यवस्था में हर सातवां डॉक्टर भारतीय है। 3.5 लाख भारतीय छात्र अमेरिकी यूनिवर्सिटीज़ में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जो न केवल उच्च फीस देकर शिक्षा क्षेत्र को आर्थिक संबल देते हैं, बल्कि रिसर्च और इनोवेशन में भी आगे हैं।

राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से भी भारतीय-अमेरिकियों की मौजूदगी अब नजरअंदाज नहीं की जा सकती। कमला हैरिस जैसी शख्सियतों से लेकर हजारों स्थानीय उद्यमियों तक, भारतीयों ने अमेरिका की बहुसांस्कृतिक पहचान को और गहराई दी है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का टैरिफ कदम अमेरिका-भारत संबंधों में एक अस्थायी रुकावट हो सकता है, लेकिन दोनों देशों की दीर्घकालिक साझेदारी बनी रहनी चाहिए।

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