अमेरिका की बढ़ती सक्रियता से बांग्लादेश चुनाव में हलचल

बांग्लादेश में 2026 के फरवरी में होने वाले आम चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज़ हो गई है और अब इसमें अमेरिका की सक्रियता भी खुलकर सामने आ रही है। ढाका में अमेरिकी चार्ज दअफेयर्स ट्रेसी ऐन जैकब्सन ने बीते एक महीने में ढाका और लंदन में राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं, चुनाव आयोग और न्यायपालिका के वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार मुलाकात की है। जैकब्सन, जो ट्रंप प्रशासन में भी अहम भूमिका निभा चुकी हैं, के इन दौरों ने राजनीतिक हलकों में चर्चा और गहरी कर दी है।

विश्लेषकों के अनुसार, शेख हसीना सरकार के पतन और प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन के बाद से अमेरिका की दिलचस्पी और भी बढ़ गई है। इन बैठकों में चुनाव, राजनीतिक सुधार, मानवाधिकार, क़ानून का राज और न्यायिक सहयोग जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। जानकारों का कहना है कि यह अमेरिकी पहल चुनावी प्रक्रिया को समावेशी और पारदर्शी बनाने के नाम पर हो रही है, लेकिन इसके पीछे रणनीतिक उद्देश्यों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

अंतरराष्ट्रीय विश्लेषण बताते हैं कि अमेरिका इंडो-पैसिफ़िक रणनीति और भारत-चीन-रूस के बदलते समीकरण के बीच बांग्लादेश को एक अहम कड़ी के रूप में देख रहा है। ऐसे में वह बीएनपी को संभावित नई सरकार मानकर अपने संपर्क मजबूत कर रहा है। चुनाव से पहले की यह कूटनीतिक हलचल न केवल ढाका, बल्कि पूरे क्षेत्रीय राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकती है।

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