हज कोटा कटौती: भारत के लिए सऊदी का कड़ा फैसला

सऊदी अरब की हज कोटा कटौती ने भारत के 42,000 तीर्थयात्रियों के सपनों पर कुठाराघात किया है। भारत को आवंटित 1,75,025 हज कोटे में से 52,507 निजी ऑपरेटरों (CHGOs) के लिए थे, लेकिन सऊदी मंत्रालय ने मीना में जगह की कमी और समयसीमा उल्लंघन के कारण 80% कोटा रद्द कर दिया। भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद नुसुक पोर्टल फिर से खुला, मगर केवल 10,000 तीर्थयात्रियों के लिए। इसकी तुलना में, पाकिस्तान का कोटा 23,620 बना हुआ है, जिससे भारतीय तीर्थयात्रियों में असंतोष बढ़ रहा है।

2024 में भीड़भाड़ से 1,200 तीर्थयात्रियों की मौत के बाद सऊदी अरब ने सुरक्षा उपायों को सख्त किया है। PDP नेता महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा, “यह हज कोटा कटौती तीर्थयात्रियों और ऑपरेटरों के लिए विनाशकारी है। विदेश मंत्रालय को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।” निजी ऑपरेटरों की लापरवाही, जैसे मीना कैंप और परिवहन अनुबंधों में देरी, ने स्थिति को और जटिल किया। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई।

विश्लेषकों का मानना है कि सऊदी का यह कदम भीड़ नियंत्रण के लिए जरूरी था, लेकिन भारत को असमान नुकसान हुआ। हज समिति ने 1,22,518 तीर्थयात्रियों के लिए व्यवस्थाएं पूरी की हैं, मगर निजी कोटे की कमी से कई परिवार निराश हैं। भारत सरकार से सऊदी अधिकारियों के साथ तत्काल वार्ता की मांग जोर पकड़ रही है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।

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