लाखों इजरायलियों की ढाल बना THAAD: 10 करोड़ की मिसाइल ने यमन के हमले को किया नाकाम

जेरूसलम, 4 अप्रैल 2025: रविवार की सुबह जब यमन से दागी गई दो बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायल की ओर बढ़ रही थीं, तो लाखों लोगों की सांसें थम गईं। लेकिन मिनटों में ही राहत की खबर आई—इजरायल की उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली ने इन खतरों को हवा में ही खत्म कर दिया। इस ऑपरेशन में अमेरिकी THAAD (टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस) और इजरायली एयरो सिस्टम ने मिलकर काम किया। सिर्फ 10 करोड़ रुपये की कीमत वाली यह मिसाइल तकनीक एक बार फिर इजरायल के लिए जीवन रक्षक साबित हुई।
यमन का हमला और त्वरित जवाब
रविवार को यमन से छोड़ी गई मिसाइलों ने इजरायल में हड़कंप मचा दिया। हजारों लोग सुरक्षित ठिकानों की ओर दौड़े, लेकिन जैसे ही ये मिसाइलें इजरायली हवाई क्षेत्र में दाखिल हुईं, THAAD और एयरो सिस्टम हरकत में आए। हेब्रोन के पास मिले मलबे ने इसकी पुष्टि की कि दोनों प्रणालियों ने एक साथ काम करते हुए हमले को नाकाम कर दिया। एक इजरायली नागरिक ने राहत भरे लहजे में कहा, “हमने सायरन सुना और डर गए, लेकिन कुछ ही देर में सब शांत हो गया। यह तकनीक हमारी जान की गारंटी है।”
THAAD का आगमन और उसकी ताकत
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने पिछले साल अक्टूबर में THAAD को इजरायल में तैनात किया था। ईरान और उसके सहयोगियों से बढ़ते मिसाइल खतरों के बीच यह कदम उठाया गया। THAAD को खास तौर पर ऊंचाई पर बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी तुलना अक्सर इजरायल के एयरो सिस्टम से की जाती है, लेकिन दोनों में कई अंतर हैं। जहां एयरो मिसाइल को गर्म धातु के टुकड़ों से नष्ट करता है, वहीं THAAD ‘हिट टू किल’ तकनीक से सीधे टक्कर लेकर लक्ष्य को खत्म करता है।
एक रक्षा विशेषज्ञ ने बताया, “THAAD की सटीकता इसे खास बनाती है। यह 9,000-10,000 किमी/घंटा की रफ्तार से आने वाली मिसाइलों को भी ट्रैक कर सकती है। इसकी पोर्टेबिलिटी इसे और प्रभावी बनाती है, क्योंकि इसे कार्गो विमानों से कहीं भी ले जाया जा सकता है।” दूसरी ओर, एयरो सिस्टम भारी होने के कारण ट्रकों पर निर्भर है।
10 करोड़ में लाखों की जान
THAAD मिसाइल की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये है, जो पहली नजर में महंगी लग सकती है। लेकिन जब यह लाखों लोगों की जान बचाती है, तो इसकी कीमत का महत्व समझ आता है। रविवार के हमले में इसने अपनी उपयोगिता साबित की। इजरायली सेना के एक अधिकारी ने कहा, “यह सिर्फ हथियार नहीं, बल्कि हमारी सुरक्षा का प्रतीक है। यमन जैसे हमलों से निपटने में यह हमारा सबसे मजबूत हथियार है।”
विश्लेषकों का कहना है कि THAAD और एयरो की जोड़ी ने मिसाइल रक्षा की परिभाषा बदल दी है। यह न केवल इजरायल, बल्कि दुनिया भर के देशों के लिए एक मिसाल बन रही है। खासकर तब, जब ईरान, यमन और उत्तर कोरिया जैसे देश बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल बढ़ा रहे हैं।
तकनीक का मानवीय पहलू
इस घटना ने न सिर्फ तकनीकी श्रेष्ठता दिखाई, बल्कि इसके पीछे का मानवीय पक्ष भी उजागर किया। हेब्रोन की एक माँ रिवका कोहेन ने भावुक होते हुए कहा, “मेरे बच्चे उस रात सुरक्षित सो पाए, यह मेरे लिए सबसे बड़ी बात है। यह मिसाइल सिस्टम हमारे लिए उम्मीद की किरण है।” THAAD की तैनाती के बाद से इजरायल में नागरिकों का भरोसा बढ़ा है, खासकर ऐसे समय में जब क्षेत्रीय तनाव चरम पर है।
भविष्य की चुनौतियाँ और प्रेरणा
THAAD और एयरो की सफलता ने इजरायल-अमेरिका साझेदारी को नई ऊंचाई दी है। लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि खतरे भी बढ़ रहे हैं। एक रक्षा विश्लेषक ने कहा, “ईरान और उसके सहयोगी नई तकनीकों पर काम कर रहे हैं। हमें अपनी रक्षा प्रणालियों को और मजबूत करना होगा।” फिर भी, यह घटना दिखाती है कि आधुनिक तकनीक शांति और सुरक्षा की गारंटी बन सकती है।
10 करोड़ की यह मिसाइल सिर्फ एक हथियार नहीं, बल्कि लाखों लोगों के लिए जीवन रेखा है। जैसे-जैसे क्षेत्रीय संघर्ष बढ़ रहे हैं, यह तकनीक दुनिया को एक सबक दे रही है—सुरक्षा की कीमत अनमोल होती है।
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