बांग्लादेश में तख्तापलट की आशंका, यूनुस की कुर्सी खतरे में

बांग्लादेश की राजनीति में फिर से भूचाल आ गया है, जहां सेना और अंतरिम सरकार के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। सेना प्रमुख वकार उज जमां ने स्पष्ट किया है कि इस वर्ष दिसंबर तक चुनाव कराए बिना देश की राजनीतिक स्थिरता संभव नहीं है। वहीं, अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने चुनाव जून 2026 तक टालने की बात कही, जिससे सेना के तेवर सख्त हो गए। ‘The Daily Star’ की रिपोर्ट के अनुसार, सेना और यूनुस के बीच नीतिगत मतभेद अब खुलकर सामने आ रहे हैं, जिससे बांग्लादेश में एक संभावित तख्तापलट की चर्चा तेज हो गई है।

सेना की नाराजगी का मुख्य कारण यूनुस की कट्टरपंथी सोच, लोकतंत्र विरोधी रवैया और अपनी सत्ता बचाने की लालसा मानी जा रही है। सेना प्रमुख ने म्यांमार के राखिन में मानवीय कॉरिडोर खोलने के प्रस्ताव और विदेशी कंपनियों को बंदरगाह सौंपने जैसे फैसलों का विरोध किया है। साथ ही, यूनुस ने अपने करीबी खलीलुर रहमान को NSA बना दिया, जो सेना के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ। इन सब कारणों से सेना के प्रमुख और यूनुस के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि अब खबरें हैं कि यूनुस इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं और वह देश छोड़ने की स्थिति में भी हो सकते हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि बांग्लादेश में ‘बांग्लादेश तख्तापलट’ की संभावना देश की स्थिरता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए गंभीर चुनौती है। सेना की मांग है कि केवल चुनी हुई सरकार ही देश को आगे बढ़ा सकती है, जबकि यूनुस सत्ता के प्रति अपनी पकड़ छोड़ने को तैयार नहीं दिख रहे। इस राजनीतिक घमासान का असर बांग्लादेश की जनता और क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा पड़ेगा। चुनाव के समय में देरी और सत्ता संघर्ष ने देश को एक नए संकट की ओर धकेल दिया है, जिसके परिणाम व्यापक हो सकते हैं।

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