पाकिस्तान-चीन की हाइपरसोनिक डील से भारत को खतरा

नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से बौखलाया पाकिस्तान अब एक बार फिर चीन की शरण में जा पहुंचा है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान चीन से हाइपरसोनिक मिसाइलें और अत्याधुनिक ड्रोन खरीदने की योजना पर काम कर रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बन सकती है, खासकर जब यह तकनीक परमाणु हथियारों के साथ इस्तेमाल की जा सकती है।

चीन पिछले कुछ वर्षों में हाइपरसोनिक तकनीक में काफी आगे निकल चुका है। उसकी मिसाइलें ध्वनि की गति से पाँच गुना तेज चल सकती हैं और रडार से बच निकलने की क्षमता रखती हैं। साथ ही, स्मार्ट स्वार्म UCAV नेटवर्क के जरिए इन मिसाइलों और ड्रोनों को समन्वित किया जा सकता है, जिससे यह तकनीक और भी घातक बन जाती है। यह वही तकनीक है जिसे चीन ने अमेरिकी प्रतियोगिता को पछाड़ने के लिए विकसित किया था और अब अपने सहयोगियों के साथ साझा करने को तैयार है।

भारत ने इस नई चुनौती का जवाब देने के लिए अपनी तैयारियाँ तेज कर दी हैं। डीआरडीओ पहले ही हाइपरसोनिक तकनीक पर शोध कर रहा है और भारत की ब्रह्मोस व अग्नि जैसी मिसाइलें इस दिशा में आशाजनक कदम हैं। हालांकि, पाकिस्तान द्वारा चीन की मदद से हथियारों का यह विस्तार भारत की सीमाओं पर तनाव बढ़ा सकता है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता पर सवाल उठते हैं।

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