गूगल पर एकाधिकार का आरोप: एड मैनेजर बेचने की नौबत?

अमेरिकी जिला न्यायालय ने गूगल को डिजिटल विज्ञापन बाजार में डिजिटल एकाधिकार स्थापित करने का दोषी ठहराया है। वर्जीनिया की जज लियोनी ब्रिंकेमा ने 17 अप्रैल, 2025 को फैसला सुनाया कि गूगल ने पब्लिशर एड सर्वर और एड एक्सचेंज मार्केट में गैरकानूनी रूप से नियंत्रण बनाए रखा। अमेरिकी न्याय विभाग और 17 राज्यों का आरोप है कि गूगल ने डबलक्लिक और एडमेल्ड जैसी खरीद के जरिए प्रतिस्पर्धियों को पीछे धकेला, जिससे विज्ञापन कीमतें बढ़ीं और प्रकाशकों को नुकसान हुआ।

इस फैसले से गूगल को अपना एड मैनेजर, जिसमें एडएक्स और डीएफपी शामिल हैं, बेचना पड़ सकता है। गूगल की उपाध्यक्ष ली-ऐन मुलहॉलैंड ने कहा, “हमारा मंच प्रकाशकों के लिए किफायती और प्रभावी है; हम अपील करेंगे।” यदि गूगल हारता है, तो डिजिटल एकाधिकार कम होने से विज्ञापनदाताओं को अधिक विकल्प मिलेंगे, और जीमेल, मैप्स या सर्च पर गूगल के विज्ञापनों का प्रभुत्व घट सकता है। 2024 में गूगल की 75% आय (350 अरब डॉलर) विज्ञापनों से आई थी, इसलिए यह बदलाव कंपनी की कमाई को प्रभावित करेगा।

यह दूसरी बार है जब गूगल को डिजिटल एकाधिकार के लिए दोषी ठहराया गया है; 2024 में सर्च मार्केट में भी ऐसा हुआ था। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला डिजिटल विज्ञापन उद्योग में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा, जिससे उपभोक्ताओं को विविध सामग्री और कम कीमतें मिल सकती हैं। हालांकि, गूगल के पास सुप्रीम कोर्ट में अपील का रास्ता बाकी है, जिससे इस मामले का अंतिम परिणाम अनिश्चित है।

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