‘सैयारा’: कॉपी या प्रेरणा का नया नाम?

मुंबई: निर्देशक मोहित सूरी की हालिया रिलीज़ सैयारा भले ही बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाड़ रही हो, लेकिन इसके मूल कथानक पर उठते सवाल थमने का नाम नहीं ले रहे। सोशल मीडिया पर कई दर्शकों और समीक्षकों का दावा है कि यह फिल्म दक्षिण कोरिया की 2004 की क्लासिक A Moment to Remember से स्पष्ट रूप से प्रेरित है। दिलचस्प बात यह है कि न तो सूरी, और न ही लेखक संकल्प सदन या संवाद लेखक रोहन शंकर ने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया दी है।

कथानक में समानताओं की बात करें तो अल्जाइमर पीड़ित युवती, उसके बॉयफ्रेंड द्वारा डायरी या वस्तु लौटाने की घटनाएं, और प्रेम में उतार-चढ़ाव वाले दृश्य – सब कुछ कोरियन फिल्म से मेल खाता है। हालांकि सैयारा में मेल लीड को रॉकस्टार का संघर्षशील सपना दिया गया है, जो कोरियन मूल फिल्म से थोड़ा भिन्न है। फिर भी, भावनात्मक ढांचे और क्लाइमेक्स की समानता से फिल्म की मौलिकता पर सवाल उठना लाज़मी है।

बॉलीवुड में यह कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी मोहित सूरी की फिल्मों पर विदेशी प्लॉट्स को अपनाने के आरोप लगे हैं। मर्डर 2 और एक विलेन के उदाहरण सामने रखे जाते हैं। हालांकि फिल्मकार अक्सर इसे “इंस्पिरेशन” का नाम देकर बच निकलते हैं, सवाल यह उठता है कि दर्शकों के साथ कितनी पारदर्शिता रखी जाती है। सैयारा के बहाने यह बहस फिर ताजा हो गई है कि क्या हिंदी सिनेमा अब भी मौलिकता से परहेज कर रहा है, या फिर यह एक ‘सुरक्षित फॉर्मूले’ की तलाश है?

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