नक्सली से सुपरस्टार तक: मिथुन की अनकही दास्तां

कोलकाता में जन्मे मिथुन, जिनका असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है, कभी नक्सली नेता रवि रंजन के करीबी हुआ करते थे। कॉलेज के दिनों में उन्होंने एक नक्सलवादी ग्रुप जॉइन किया, लेकिन जब पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया तो मिथुन ने खुद को छिपा लिया।

हालात तब बदले जब मिथुन के बड़े भाई की करंट लगने से मृत्यु हो गई। इस पारिवारिक हादसे ने मिथुन को अंदर तक झकझोर दिया और उन्होंने नक्सलवाद की राह हमेशा के लिए छोड़ दी। परिवार की जिम्मेदारी उठाने का फैसला लिया और एक नया जीवन शुरू किया। यह फैसला उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट बना, जिसने उन्हें फिल्मों की दुनिया की ओर मोड़ा।

बॉलीवुड में कदम रखते ही मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी पहली ही फिल्म ‘मृगया’ (1976) से राष्ट्रीय पुरस्कार जीत लिया। इसके बाद ‘डिस्को डांसर’, ‘डांस डांस’, ‘मुझे इंसाफ चाहिए’ जैसी हिट फिल्मों से उन्होंने अपने अभिनय और डांस से दर्शकों का दिल जीत लिया। कभी पुलिस से डरकर छिपने वाले मिथुन आज हिंदी सिनेमा के लीजेंड माने जाते हैं—एक सच्ची मिसाल कि इंसान अपनी गलतियों से सीखकर कितना आगे बढ़ सकता है।

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