युवाशक्ति को संबल दे रहा मोदी सरकार का विज़न

नई दिल्ली, 3 जून — देश की युवाशक्ति को सशक्त करने के लिए मोदी सरकार ने बीते 11 वर्षों में कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि, स्टार्टअप इंडिया और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना जैसे कार्यक्रमों ने युवा उद्यमियों और छात्रों को नई उड़ान दी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, विश्वविद्यालयों की संख्या 2014-15 के 760 से बढ़कर 2025 में 1,334 तक पहुंच गई है, जबकि कॉलेजों की संख्या 38,498 से 51,959 हो गई है।

शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास पर भी सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के तहत 1.63 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा, IIT और IIM जैसे तकनीकी संस्थानों का भी व्यापक विस्तार हुआ है—IIT की संख्या 16 से बढ़कर 23 और IIM की संख्या 13 से 21 हो गई है। 2025 तक AIIMS की संख्या भी 7 से बढ़कर 23 हो चुकी है, जिससे मेडिकल शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है।

रोजगार और उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के अंतर्गत ऋण सीमा को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख कर दिया गया है। वहीं, स्टार्टअप इंडिया के जरिए 1.6 लाख से अधिक स्टार्टअप को मान्यता और सहयोग मिला है, जिससे 17.6 लाख रोजगार उत्पन्न हुए हैं। ‘खेलो इंडिया’ जैसी योजनाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी खेल प्रतिभाओं को पहचान और समर्थन दिया है। ये तमाम प्रयास भारत की युवाशक्ति को एक विकसित राष्ट्र के निर्माण की धुरी बना रहे हैं।

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