नागरिकता दस्तावेज: केवल जन्म प्रमाणपत्र और डोमिसाइल ही मान्य

नई दिल्ली: भारत सरकार ने नागरिकता दस्तावेज के संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि आधार, पैन और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज भारतीय नागरिकता का प्रमाण नहीं माने जाएंगे। केवल जन्म प्रमाणपत्र और डोमिसाइल सर्टिफिकेट ही नागरिकता सिद्ध करने के लिए वैध हैं। यह कदम सरकारी नौकरियों, पासपोर्ट आवेदन और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) जैसे मामलों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “कई अवैध प्रवासी इन दस्तावेजों का दुरुपयोग करते हैं, जिससे नागरिकता सत्यापन में कठिनाई होती है।”

जन्म प्रमाणपत्र, जो 1969 के जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम के तहत जारी होता है, भारत में जन्मे व्यक्ति की नागरिकता का प्राथमिक प्रमाण है। इसे स्थानीय नगर पालिका या पंचायत से प्राप्त किया जा सकता है। वहीं, डोमिसाइल सर्टिफिकेट किसी व्यक्ति के दीर्घकालिक निवास को प्रमाणित करता है, जो जिला प्रशासन द्वारा जारी होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन दस्तावेजों की अनुपस्थिति भविष्य में कानूनी जटिलताएं पैदा कर सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहते हैं।

नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे तत्काल अपने जन्म प्रमाणपत्र और डोमिसाइल सर्टिफिकेट को अपडेट और सुरक्षित रखें। “नागरिकता केवल पहचान का विषय नहीं, बल्कि कानूनी अधिकारों की गारंटी है,” एक नीति विश्लेषक ने कहा। इसके लिए स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर दस्तावेजों को डिजिटल रूप में संग्रहित करने की सिफारिश की गई है। यह कदम न केवल व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करेगा, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं को भी सुगम बनाएगा।

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