कम होती प्रजनन दर से भारत की जनसंख्या पर संकट

नई दिल्ली: भारत की जनसंख्या आज विश्व में सबसे अधिक है, लेकिन अब इसी जनसंख्या को लेकर चिंताजनक संकेत सामने आ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की हालिया जनसांख्यिकी रिपोर्ट के अनुसार, देश की प्रजनन दर 2.0 से गिरकर 1.9 पर आ गई है, जो प्रतिस्थापन स्तर 2.1 से भी नीचे है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो भारत भी चीन और जापान जैसे देशों की तरह बुजुर्ग आबादी का दबाव झेलने को मजबूर होगा।

विश्लेषकों के अनुसार, युवाओं की बड़ी आबादी के बावजूद कई युवा विवाहित जीवन और संतानोत्पत्ति को टाल रहे हैं, जिससे प्रजनन दर में गिरावट आ रही है। जापान और चीन जैसे देशों में यह गिरावट पहले से ही सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को जन्म दे रही है। 2040 तक चीन में 40 करोड़ लोग 60 वर्ष से ऊपर हो जाएंगे, और जापान पहले ही दुनिया की सबसे वृद्ध आबादी वाला देश बन चुका है।

भारत की 68% जनसंख्या अभी कार्यशील उम्र में है, जो विकास की रीढ़ है। लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यदि सरकार ने जल्द ही प्रजनन को प्रोत्साहित करने वाले उपाय नहीं किए, तो यह जनसांख्यिकी लाभ भविष्य में जनसंख्या संकट में बदल सकता है। “यह अधिक या कम जनसंख्या का संकट नहीं, बल्कि प्रजनन क्षमता को लेकर असंतुलन का संकेत है,” रिपोर्ट में कहा गया है।

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