इन शेयरों पर दांव: कचोलिया, खन्ना, अग्रवाल की नजर

नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में विदेशी और घरेलू निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है, और इस बीच ऐस निवेशक अशिष कचोलिया, डॉली खन्ना, मुकुल अग्रवाल, मधुसूदन केला और अजय उपाध्याय की रणनीतियां चर्चा में हैं। इन्हें भारत के ‘वॉरेन बफे’ कहा जाता है। इन निवेशकों ने GHCL लिमिटेड, साहस्रा इलेक्ट्रॉनिक सॉल्यूशंस, विंडसर मशीन्स, इनफिनियम फार्माकेम और सर्विस केयर जैसी कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदी है। वित्तीय विश्लेषक रमेश शर्मा कहते हैं, “इन निवेशकों की पसंद छोटी और मझोली कंपनियों पर केंद्रित है, जो दीर्घकालिक विकास की संभावना दिखाती हैं।”

GHCL लिमिटेड, जो सोडा ऐश का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है, में डॉली खन्ना ने 1% हिस्सेदारी (61 करोड़ रुपये) खरीदी है। कंपनी की मार्केट कैप 5,949 करोड़ रुपये है, और पिछले 5 वर्षों में इसका शुद्ध लाभ 11% बढ़ा। साहस्रा इलेक्ट्रॉनिक सॉल्यूशंस, जिसकी मार्केट कैप 928 करोड़ रुपये है, में मुकुल अग्रवाल ने 2.3% हिस्सा लिया। इसकी बिक्री 2024 में 101 करोड़ रुपये रही। वहीं, अशिष कचोलिया ने इनफिनियम फार्माकेम में 4.6% हिस्सेदारी (22.4 करोड़ रुपये) खरीदी, जिसका EBITDA 112% बढ़ा। विंडसर मशीन्स (मार्केट कैप 2,475 करोड़ रुपये) में मधुसूदन केला ने 7.7% हिस्सा लिया, जबकि सर्विस केयर में अजय उपाध्याय ने 3.4% हिस्सेदारी खरीदी।

ये निवेश छोटे और मझोले शेयरों में ऐस निवेशकों के विश्वास को दर्शाते हैं। हालांकि, विशेषज्ञ सतर्कता की सलाह देते हैं। शेयर बाजार सलाहकार प्रिया मेहता कहती हैं, “ऐस निवेशकों की रणनीति जोखिम भरी हो सकती है, इसलिए निवेश से पहले गहन शोध जरूरी है।” वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच ये शेयर निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकते हैं, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है।

ताज़ा खबर

तुर्किए की चाल नाकाम, ईरान ने काटा जंगेज़ूर कॉरिडोर

करुण नायर को रिटायरमेंट की सलाह देने वाला था भारतीय क्रिकेटर

PM मोदी को मिला साइप्रस का सर्वोच्च सम्मान

ईरान-इज़राइल संघर्ष में ट्रंप की चेतावनी से बढ़ा विश्वयुद्ध का खतरा