तेजस Mk-1A से वायुसेना को नई ताकत मिलने की तैयारी

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना की ताकत को बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार एक बड़ा रक्षा सौदा अंतिम चरण में पहुंचा चुकी है। डिफेंस सूत्रों के मुताबिक, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 97 अतिरिक्त तेजस Mk-1A लड़ाकू विमानों की आपूर्ति के लिए ₹67,000 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट देने की योजना तैयार है। तेजस, जो कि भारत में ही डिजाइन और विकसित हुआ एक 4.5 जेनरेशन मल्टीरोल फाइटर जेट है, अब भारतीय आकाश की नई ढाल के रूप में देखा जा रहा है।

तेजस Mk-1A में मौजूदा संस्करण की तुलना में करीब 40 तकनीकी उन्नयन किए गए हैं, जिनमें AESA रडार, डिजिटल वॉरफेयर सिस्टम और अस्त्र मिसाइल इंटीग्रेशन जैसी प्रमुख क्षमताएं शामिल हैं। IAF के पास पहले से ही 123 तेजस विमानों का ऑर्डर है, और इस नई डील के साथ कुल संख्या 220 से अधिक हो जाएगी। इससे न केवल वायुसेना की स्क्वाड्रन की कमी पूरी होगी बल्कि मिग-21 जैसे पुराने विमानों के हटने से पैदा हुआ सुरक्षा अंतर भी पाटा जा सकेगा।

हालांकि, HAL की उत्पादन क्षमता को लेकर कुछ सवाल उठाए जा चुके हैं। एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने भी तेजस की डिलीवरी में हुई देरी पर चिंता जताई थी। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि इस परियोजना में निजी रक्षा कंपनियों को भी साझेदार बनाया जाए, तो उत्पादन में तीव्रता लाई जा सकती है। इस मेगा डील के साथ भारत न केवल अपनी हवाई सीमाओं को और सुरक्षित करेगा, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ व ‘आत्मनिर्भर भारत’ को नई ऊंचाइयों पर भी पहुंचाएगा।

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