सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी पद नहीं लेंगे गवई

भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने स्पष्ट किया है कि वह आगामी नवंबर में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्ति के बाद कोई सरकारी पद स्वीकार नहीं करेंगे। महाराष्ट्र के अमरावती जिले के अपने पैतृक गांव दारापुर में आयोजित एक सम्मान समारोह में उन्होंने कहा, “मैंने पहले ही निर्णय लिया है कि सेवा निवृत्ति के बाद अपने गांव, अमरावती और नागपुर में ही समय बिताऊंगा।” गवई के इस फैसले को उनके व्यक्तिगत मूल्यों और जन्मभूमि के प्रति जुड़ाव का प्रतीक माना जा रहा है।

समारोह में मुख्य न्यायाधीश गवई ने न्यायिक प्रणाली की विकेन्द्रीकरण प्रक्रिया पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि उन्होंने न्यायिक अवसंरचना समिति के प्रमुख के रूप में जिला और तहसील स्तर पर अधिक अदालतें स्थापित करने की योजना तैयार की थी, जिसे अब क्रियान्वित किया जा रहा है। उनका मानना है कि इससे आम नागरिकों को न्याय मिलने में सुविधा होगी।

गवई ने यह भी स्वीकार किया कि न्यायिक व्यवस्था में कुछ हद तक नौकरशाही बाधाएं मौजूद हैं, लेकिन उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह न्याय को आम जनता की पहुंच तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका यह निर्णय—सरकारी पदों से दूर रहकर समाज में अपनी जड़ों से जुड़ाव बनाए रखने का—भारतीय न्याय प्रणाली में एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।

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