जयशंकर का पलटवार: ‘चाइना गुरू’ की सीख अधूरी

नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के आठवें दिन राज्यसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तीखा पलटवार किया। राहुल के इस दावे पर कि चीन और पाकिस्तान पहले से ज्यादा करीब आ गए हैं, जयशंकर ने कटाक्ष करते हुए उन्हें ‘चाइना गुरू’ करार दिया। उन्होंने कहा, “हां, यह सही है कि चीन और पाकिस्तान साथ आ गए हैं, लेकिन यह तब हुआ जब हमने पीओके को अपने हाथ से निकलने दिया। यह रातोंरात नहीं हुआ, यह ऐतिहासिक भूलों का परिणाम है।”

जयशंकर ने विपक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा कि कैसे 2006 में हू जिंताओ के भारत दौरे के दौरान चीनी कंपनियों को टेलीकॉम जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में प्रवेश की अनुमति दी गई। उन्होंने विपक्ष की चीन नीति पर निशाना साधते हुए कहा, “आप ऐसे देश को स्ट्रैटेजिक पार्टनर कैसे कह सकते हैं, जिससे हमारा युद्ध हो चुका है? आपने चाइंडिया बनाने की बात कही, लेकिन वो चाइंडिया नहीं, भारत के हितों से खिलवाड़ था।”

सिंधु जल संधि पर बोलते हुए विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान जब तक आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता, तब तक खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। उन्होंने कहा, “हमने पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया को दिखाया है। अब यह समझने की जरूरत है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सिर्फ भाषणों से नहीं, ठोस फैसलों से मजबूत होती है।”

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