भारत-रूस नजदीकी से ट्रंप परेशान, चीन संग भी बढ़े कदम

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नाराजगी के बीच भारत अपनी विदेश नीति में रूस और चीन के साथ सहयोग को नया आयाम दे रहा है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर अगले सप्ताह मॉस्को यात्रा पर जाएंगे, जहां 21 अगस्त को उनकी मुलाकात रूसी विदेश मंत्री से होगी। यह यात्रा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के हालिया रूस दौरे के तुरंत बाद हो रही है। वहीं, कुछ ही दिनों में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भी भारत दौरा तय है, जो द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती देगा।

इसी क्रम में भारत और चीन के बीच भी कूटनीतिक सक्रियता बढ़ रही है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी 18 अगस्त को नई दिल्ली आ सकते हैं, जहां उनकी मुलाकात डोभाल से होने की संभावना है। यह दौरा अगस्त अंत में चीन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन से पहले हो रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। बीते महीनों में रक्षा मंत्री, NSA और विदेश मंत्री—तीनों चीन दौरा कर चुके हैं, जो रिश्तों में सकारात्मक संकेत है।

ट्रंप प्रशासन भारत से रूस से तेल खरीद बंद करने, कृषि और डेयरी क्षेत्र को अमेरिकी व्यापार के लिए खोलने जैसी मांगें कर रहा है, लेकिन भारत राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देते हुए इन शर्तों को मानने से इंकार कर रहा है। टैरिफ बढ़ाने, सीजफायर का श्रेय न देने और नोबेल नामांकन में समर्थन न करने जैसी बातों ने ट्रंप की नाराजगी और बढ़ा दी है। भारत का यह रुख अमेरिका समेत वैश्विक मंच पर एक स्पष्ट संदेश देता है कि वह स्वतंत्र विदेश नीति पर अडिग है।

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