भारत-रूस साझेदारी को नई मजबूती देगा जयशंकर का मास्को दौरा

भारत-रूस संबंधों को नई दिशा देने के उद्देश्य से विदेश मंत्री एस. जयशंकर तीन दिवसीय दौरे पर मंगलवार को मास्को पहुंचे। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू किया है, जिसमें रूस से कच्चा तेल खरीदने पर लगाया गया 25 प्रतिशत जुर्माना भी शामिल है। विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से भारत-रूस ऊर्जा सहयोग को लेकर चर्चाएं और भी अहम हो गई हैं।

जयशंकर बुधवार को रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-TEC) की 26वीं बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस बैठक से न केवल व्यापार, आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग को गति मिलेगी, बल्कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी भारत यात्रा की रूपरेखा भी तय होने की उम्मीद है। वहीं, जयशंकर और रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव के बीच यूक्रेन संकट पर भी बातचीत होने की संभावना है।

भारत ने पश्चिमी दबाव के बावजूद रूसी तेल आयात जारी रखा है, जिसे सरकार ने अपने “राष्ट्रीय हित” और “बाजार संतुलन” की आवश्यकता बताया है। 2020 में भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी 2 प्रतिशत से भी कम थी, जो 2025 में बढ़कर 35 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि जयशंकर का यह दौरा न केवल ऊर्जा सुरक्षा बल्कि सामरिक साझेदारी को और मजबूती देने की दिशा में अहम साबित हो सकता है।

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