भारत विरोध से पलटे मुइज्जू, मोदी दौरे से बढ़ी उम्मीदें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया मालदीव यात्रा ने भारत-मालदीव संबंधों में आई कड़वाहट को कम करने की नई शुरुआत की है। लंबे समय तक “इंडिया आउट” अभियान चलाकर सत्ता में आए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अब भारत की भूमिका को खुलकर सराह रहे हैं। मालदीव की स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित समारोह में पीएम मोदी की उपस्थिति ने द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा दी है। राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा, “पीएम मोदी एक महान नेता हैं जो पड़ोसी देशों के साथ मजबूत रिश्ते बनाना चाहते हैं।”

मालदीव की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा पर्यटन पर निर्भर है और भारत से आने वाले पर्यटकों में तेज गिरावट ने सरकार को चिंता में डाल दिया है। 2023 में जहां भारत मालदीव का सबसे बड़ा पर्यटन स्रोत था, वहीं 2024 में वह छठे स्थान पर पहुंच गया। पिछले वर्ष की तुलना में भारतीय पर्यटकों की संख्या में 42.5% की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे देश को लगभग 27 अरब रुपये का नुकसान हुआ है। यह गिरावट प्रधानमंत्री मोदी पर मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणियों और उसके बाद भारत में चले बहिष्कार अभियान का नतीजा रही।

हालांकि अब हालात बदलते दिख रहे हैं। भारत ने आर्थिक संकट से जूझ रहे मालदीव को कर्ज चुकाने की राहत दी है, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्ते में नरमी आई है। मालदीव सरकार अब भारतीय पर्यटकों को वापस लुभाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है। मुइज्जू की बदली हुई रणनीति यह दिखाती है कि उन्हें भारत की अहमियत का अहसास हो गया है। वर्ष 2025 तक 3 लाख भारतीय पर्यटकों को वापस लाने का लक्ष्य इस बदले रुख का प्रमाण है।

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