एयर इंडिया की घटनाएं टाटा की साख पर सवाल

नई दिल्ली: एयर इंडिया के दो दिन में दो बड़े हादसों ने न केवल यात्रियों की सुरक्षा पर चिंता बढ़ाई है, बल्कि टाटा समूह की ब्रांड इमेज पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। मंगलवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर हांगकांग से आई एयरबस A321 के ऑक्जिलियरी पावर यूनिट (APU) में अचानक आग लग गई, जबकि एक दिन पहले मुंबई में लैंडिंग के दौरान विमान के टायर फट गए और इंजन क्षतिग्रस्त हो गया। इन दोनों घटनाओं में भले ही कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन लगातार तकनीकी खामियों से यात्रियों का भरोसा हिल रहा है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि ये घटनाएं सिर्फ संयोग नहीं हैं, बल्कि एयर इंडिया की ऑपरेशनल और मेंटेनेंस प्रक्रियाओं में गंभीर खामियों की ओर इशारा करती हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, बीते छह महीनों में एयर इंडिया को नौ कारण बताओ नोटिस जारी किए जा चुके हैं, जिनमें सुरक्षा मानकों के उल्लंघन और यात्रियों की शिकायतें शामिल हैं। इंडस्ट्री एनालिस्ट करण चौधरी कहते हैं, “ब्रांड टाटा की ताकत इसकी विश्वसनीयता रही है। एयर इंडिया में बार-बार की चूक इस छवि को नुकसान पहुंचा सकती है।”

टाटा समूह ने एयर इंडिया को नई ऊंचाई देने के इरादे से खरीदा था, लेकिन मौजूदा हालात इस उद्देश्य को चुनौती दे रहे हैं। कंपनी को अब केवल आर्थिक निवेश ही नहीं, बल्कि संरचनात्मक सुधार की भी सख्त ज़रूरत है। जब तक पारदर्शिता, सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित नहीं होती, तब तक न तो यात्रियों का भरोसा लौटेगा, और न ही टाटा की प्रतिष्ठा बरकरार रह पाएगी।

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