मोदी राज में नारी शक्ति का उदय: 11 साल की कहानी

नई दिल्ली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 11 वर्षों में नारी शक्ति को जिस तरह से उभारा है, वह देश की सामाजिक संरचना में एक बड़ा परिवर्तन है। विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी जैसे नाम अब सिर्फ प्रेरणा नहीं, बल्कि नए भारत की पहचान हैं। अब महिलाएं न केवल घरेलू जिम्मेदारियों तक सीमित हैं, बल्कि सैन्य कमांड और अंतरिक्ष अभियानों तक में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।

सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, ‘सुकन्या समृद्धि योजना’, और ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ जैसी पहलों ने शिक्षा और आर्थिक आत्मनिर्भरता के नए द्वार खोले हैं। आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं: 2014 में जहां स्कूल में लड़कियों का नामांकन 75.51% था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर 78% हो गया। सुकन्या योजना के अंतर्गत 4.1 करोड़ से अधिक बालिकाओं के खाते खुल चुके हैं, जो महिला वित्तीय सशक्तिकरण की बड़ी मिसाल है।

राजनीति में भी बदलाव स्पष्ट है। ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के तहत लोकसभा व राज्यसभा में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गई हैं। साथ ही, सेना में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी, चंद्रयान-3 में महिला वैज्ञानिकों की भूमिका और मातृत्व अवकाश बढ़ाकर 26 सप्ताह करना, इन सभी ने मिलकर यह सुनिश्चित किया है कि नारी शक्ति अब सिर्फ एक विचार नहीं, बल्कि विकास का वास्तविक इंजन बन चुकी है।

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