भारत में गर्मी का खतरा चरम पर, 10 राज्य सबसे ज्यादा जोखिम में

भारत में गर्मी का खतरा हर बीतते साल के साथ गंभीर होता जा रहा है। एक ताज़ा अध्ययन के मुताबिक, 1981 से 2022 के बीच देश में लगातार तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। विशेष रूप से पिछले दशक में रातों की गर्मी में खतरनाक इज़ाफा देखा गया है, जो शरीर को दिनभर की गर्मी से उबरने का मौका नहीं देती। इसका असर खासकर घनी आबादी वाले क्षेत्रों पर पड़ा है, जहां शहरीकरण के कारण गर्म रातों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।

2025 की शुरुआत के महज़ पांच महीनों में ही भारत के 10 से अधिक राज्य गंभीर हीटवेव की चपेट में आ चुके हैं। दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्य सबसे ज्यादा जोखिम में हैं। अध्ययन बताता है कि देश की 76 प्रतिशत आबादी अत्यधिक गर्मी के सीधे जोखिम में है। यह स्थिति 2030 तक 3.5 करोड़ नौकरियों के नुकसान और जीडीपी में 4.5 प्रतिशत गिरावट का कारण बन सकती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक गर्मी से निपटने के लिए शहरों में हरियाली बढ़ाना, ठंडी छतों की नीति लागू करना और शहरी नियोजन को जलवायु अनुकूल बनाना जरूरी है। यदि मौजूदा गति से शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन चलता रहा, तो 2050 तक भारत के कई शहरों में जीवन असहनीय हो सकता है।

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