भारत में कोविड केस बढ़े, क्या वैक्सीन की असरदार क्षमता कम हो रही है?

नई दिल्ली: दक्षिण पूर्व एशिया में कोविड संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बाद भारत में भी केरल, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिल Nadu जैसे राज्यों में केस बढ़े हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, नया JN.1 उप-वेरिएंट, जो ओमिक्रॉन परिवार का हिस्सा है, संक्रमण की मुख्य वजह है। इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ. जतिन अहूजा ने बताया कि JN.1 वेरिएंट की तीव्र संप्रेषण क्षमता है और यह पुरानी इम्यूनिटी को पार कर सकता है, लेकिन इसके लक्षण ओमिक्रॉन जैसे ही हल्के हैं और मृत्यु दर में बढ़ोतरी नहीं देखी गई है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि पूर्व की वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी समय के साथ कम हो रही है, जिसके कारण नए वेरिएंट के खिलाफ संक्रमण बढ़ रहा है। हालांकि, B और T सेल जैसी प्रतिरक्षा प्रणाली अभी भी रोग के प्रभाव को कम करने में मदद कर रही है। JN.1 वेरिएंट के प्रमुख लक्षणों में खांसी, बुखार, गले में खराश, मतली और कंजंक्टिवाइटिस शामिल हैं। खासतौर पर गुर्दा रोग, मधुमेह, HIV तथा गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों में संक्रमण का खतरा अधिक बताया गया है।

डॉक्टरों का सुझाव है कि मौजूदा वैक्सीन पुरानी स्ट्रेनों पर असरदार हैं लेकिन JN.1 पर उनकी क्षमता सीमित है। mRNA वैक्सीन अधिक सुरक्षा दे सकती हैं, लेकिन भारत में उनकी पहुंच अभी कम है। इस बीच मास्क पहनना, हाथ धोना और सामाजिक दूरी बनाए रखना ही सबसे कारगर उपाय हैं। विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर एंटीवायरल दवाओं का प्रयोग किया जा सकता है ताकि संक्रमण से बचाव हो सके।

 

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